वॉल्वो बसेस ने नई कोच श्रृंखला लॉन्च की; भारत में इंटरसिटी यात्रा का स्वरूप बदलेगा
वीईसीवी ज्वाईंट वेंचर का नया 8 ली. इंजन लोकलाईज़ेशन की कार्ययोजना प्रदर्शित करता है ; उत्सर्जन के BSIV नियमों का पालन करने के लिए तैयार
आज वॉल्वो बसेस ने बैंगलुरु में बस वर्ल्ड 2016 में अपनी नई इंटरसिटी कोच श्रृंखला पेश की। नई वॉल्वो 9400 श्रृंखला ग्राहकों की बदलती जरूरतों, उम्मीदों और भारत के विकसित होते नियामक परिदृश्य का अनुपालन करने के लिए कंपनी की तैयारी प्रदर्शित करती है। इस श्रृंखला में वीईसीवी पीथमपुर सुविधा में निर्मित वॉल्वो 9400, 12.0 मी. कोच एवं नया 8 ली. इंजन शामिल है, जो कंपनी की लोकलाईज़ेशन की कार्ययोजना प्रदर्शित करता है। सर्वाधिक बिकने वाला वॉल्वो 9400, 13.8 मी. मल्टी-एक्सल कोच 9 ली. से 11 ली. में अपग्रेड किए गए इंजन से शक्ति प्राप्त करता है। वॉल्वो 9400, 14.5 मी. कोच में 11 ली. इंजन बेहतर परफॉर्मेंस के लिए संशोधनों के अलावा भावी BSIV उत्सर्जन नियमों का पालन करने के लिए अपग्रेड किया गया है।
यह नई कोच श्रृंखला भारत में वॉल्वो बसों की 15 साल की यात्रा पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पेश की गई है। इन सालों में वॉल्वो, भारतीय बस उद्योग में लीडर के रूप में स्थापित हो गई है। कंपनी ने यह उपलब्धि ग्राहकों की सफलता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता मजबूत करके हासिल की है। वॉल्वो को गर्व है कि आज यह ग्राहकों एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स के लिए‘पसंदीदा साझेदार’ बन गई है।
नया 8 ली. इंजन प्रमुख पुर्जों का लोकलाईज़ेशन करने की दिशा में कंपनी के प्रयासों का परिणाम है, जो वॉल्वो बस का निर्धारित लक्ष्य है। इससे बाजार की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय निर्माण की सामर्थ्य का प्रयोग करने की कंपनी की क्षमता प्रदर्शित होती है। इस नई श्रृंखला के इंजन BSIV उत्सर्जन नियमों का पालन करते हैं, जो अप्रैल, से लागू होंगे।
हकन अग्नेवाल, प्रेसिडेंट, वॉल्वो बस कॉर्पोरेशन ने कहा, ‘‘वॉल्वो बस ने हमेशा ऐसे उत्पाद प्रदान किए हैं, जो ग्राहकों को सही फायदा पहुंचाएं। नया इंजन वॉल्वो समूह की वैश्विक योजनाओं में भारत की भूमिका का अच्छा उदाहरण है। आगे हम भारत में ऐसे अत्याधुनिक समाधान पेश करेंगे, जो ऑपरेटर्स को वाहन रखने का सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्रदान करें।’’
आकाश पासे, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट- बिज़नेस रीज़न इंटरनेशनल, वॉल्वो बस कॉर्पोरेशन ने कहा, ‘‘पिछले 15 सालों में भारत में हमारी यात्रा से लोगों में बस यात्रा के प्रति जागरुकता एवं इच्छा पैदा हुई है। सन 2001 से बस परिवहन के बिज़नेस एवं बस निर्माण उद्योग में जबरदस्त बदलाव आया है। वॉल्वो बसेस ग्राहकों की यात्रा का स्वरूप बदलने के लिए अभियान चलाती रहेगी, जो बाजार में हमारी प्रतिबद्धता है।’’
वीआरवी श्रीप्रसाद, मैनेजिंग डायरेक्टर, वॉल्वो बसेस - साउथ एशिया ने कहा, ‘‘वॉल्वो बसें हमेशा नई तकनीक एवं कॉन्सेप्ट पेश करने में सबसे आगे रही हैं। हम अपने ग्राहकों के साथ मिलकर काम करते हैं और हमारे उत्पादों एवं सेवाओं में यह परिलक्षित भी होता है, जो ग्राहकों को फायदा पहुंचाते हैं। यह नई श्रृंखला लक्ज़री, कम्फर्ट एवं सुरक्षा के क्षेत्र में इंटरसिटी यात्रा का स्वरूप बदल देगी। हम ग्राहकों, बस चालकों और यात्रियों को बस यात्रा का सर्वश्रेष्ठ अनुभव प्रदान करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।’’
वॉल्वो ने भारत में 6000 से अधिक बसें बेच दी हैं, जिनमें 4500 कोच शामिल हैं, जो भारत में 100 से अधिक स्थानों को जोड़ते हैं। यात्रियों के बीच वॉल्वो का विश्वास सुरक्षित, आरामदायक एवं लक्ज़रीपूर्ण यात्रा के उनके अनुभव पर आधारित है। प्रमुख मार्गों में मुंबई-पुणे, बैंगलोर-चेन्नई, बैंगलोर-हैदराबाद, बैंगलोर-जोधपुर, जयपुर-दिल्ली आदि मार्ग हैं, जो इन सड़कों पर वॉल्वो की सेवाओं का पर्याय बन गए हैं।
यह नई श्रृंखला हमारे ग्राहकों एवं ड्राईवर्स की विकसित होती जरूरतों को और ग्राहकों की बढ़ती उम्मीदों को पूरा करेगी। मोबिलिटी के प्रभावशाली और सुरक्षित माध्यम के रूप में इंटरसिटी बसों की मांग बढ़ रही है। वॉल्वो यह बढ़ती हुई जरूरत पूरी कर रही है। ये उत्पाद ऐसे समाधान पेश करने के प्रति वॉल्वो की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं, जो क्वालिटी, कम्फर्ट, लक्ज़री, सुरक्षा एवं परफॉर्मेंस में सर्वोच्च मापदंडों का पालन करते हों।
यह नई श्रृंखला होसाकोटे, बैंगलुरू के पास वॉल्वो बसों की आधुनिक सुविधा में निर्मित होगी। चेसिस की असेम्बली से लेकर पूरी बस तैयार करने तक यह सुविधा वॉल्वो बसों के उसी प्रोडक्शन सिस्टम का पालन करेगी, जो पूरी दुनिया में वॉल्वो के सभी निर्माण स्थलों में प्रयोग किया जाता है।
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