Saturday, December 28, 2019

Amruta Khanvilkar Pictures.

@amrutakhanvilkar looks every bit gorgeous in these new set of pictures. She is a total stunner we got to say.





‘Kaise Miloon Main..?’ - A Vegetable Vendor’s Tribute To Salman Khan on the Superstar’s Birthday


We have all heard many inspirational tales in Bollywood but here’s one of a unique kind. Selling vegetables on the streets of Surat to turning singer, his journey has been an eventful one. Meet Arun Kumar Nikam, an ardent admirer of Salman Khan, whose adulation for the actor has made him pursue his dream. The fan will be launching his second musical venture, a song titled ‘Kaise Miloon Main..?’, dedicated to his favorite star on the eve of the latter’s birthday. Anyone can be a Salman Khan fan, however, only a true fan gets truly inspired by his idol! Commendable, isn’t it?

Not knowing that he was meant to be a singer-writer, Arun Kumar Nikam, a Maharashtrian from a middle-class family in Jalgaon, reminisced that one incident, when Salman Khan was accused and people claimed he was a criminal, “I failed in my 12th exams as I could not concentrate at all. People were saying these false things about Bhaijaan.” His family members were not happy with what he was doing as they had spent every penny they saved on his education. When things didn’t work out for him, he was forced to relocate to Surat and start afresh. “When I first landed in Surat, I had no clue of what I was supposed to do. Somehow, I started selling vegetables,” averred an emotional Nikam, whose struggle began in 2001 when he was barely 15. He chanced upon a meeting with Salim Khan, Salman’s father, “With a dream to write a story and Salman Bhai to play the lead is how it all started! I met Salim sir and conveyed my wishes to him as well,” he said.

Everyone Arun Kumar Nikam came across back then only told him that he was too young to be pursuing this as a writer. “I met the who’s who of India’s production houses but they all said it was too early for me,” he averred. Being 15 didn’t help, he believed. However, not giving up on his dream to meet Salman, he sold vegetables in Surat on weekdays and tried his luck on every weekend there was, spending everything that he earned during his weekday grind.

Struggling for 14 years, never knowing whether he would meet Salman, Arun Kumar Nikam believed that his luck was running out. However, after a chance meeting with music director Nikhil Kamath, he came up with Nikam’s first music project titled ‘Waah Teri Bewafai’. “This gave me the confidence to pursue what I have always wanted to do. A story for Salman sir. Then at the sets of ‘Prem Ratan Dhan Payo', my dream was fulfilled. I finally met my idol,” he said, while also adding that during those tough times when he tried to meet Salman, he ended up with no money. The situation became that tense that he would often end up eating with beggars on the street! Recalled him, “I asked myself how I ended up there. Then a voice from the inner self uttered, ‘Kaise Miloon Main..?’,” adding that the song is produced by Khyati Bhatt and Jay Tilekar, starring Vinod Soni, and sung by Arun Kumar Nigam, “That’s it… I knew I had the idea for this song.”

Just because he is a huge fan of Bhai is not why Arun Kumar Nikam wants to meet Salman again. He wants to meet him because he is a good writer and has written a special story just for him. “I just need one day! This is the last option I have. If nothing will happen after this, obviously I will have to go back to sell veggies again. My family had abandoned me a long time ago, however, since the launch of that one album, we are talking again as they know I am stable again,” knowing that he is doing something with his life. “Hard work. Just pure hard work has made this possible for me,” said the obsessed fan in Arun Kumar Nikam.

Celebrities who graced the event held at Cinematheque, Hotel Sahara Star, included Mukesh Rishi, Sudesh Bhosale, Pawan Shankar, Santosh Shukla, Abhinav Gautam and Arshi Khan alongside the team that stood by Arun through thick and thin... actor Vinod Soni, producers Deepika Soni, Khyati Bhatt, Jay Tilekar and Jethmal Soni, video director Sagar Sahay, Gaurav Kumar, friends and supporters Ashok Hadia, Manoj Rathod and Ajay Soni, Sunil Mewavala, Festival Director Mohan Das, writer-director Anusha Srinivasan Iyer, Suresh Mishra among others. ‘Kaise Miloon Main..?’ has been presented by Anup Jalota.


सुपरस्टार सलमान खान को जन्मदिन पर 'कैसे मिलू मैं..... ?' - एक सब्जी विक्रेता की सुरीली भेट

हम सभी ने बॉलीवुड में कई प्रेरणादायक किस्से सुने हैं लेकिन एक अनोखी किस्म की कहानी जो अब तक अनकही ही है। सूरत की सड़कों पर सब्जियां बेचने से लेकर गायक बनने तक उनकी यात्रा एक प्रेरणा का स्रोत है। उनका नाम है अरुण कुमार निकम, जो सलमान खान के उत्साही प्रशंसक हैं। बॉलीवूड के सुपरस्टार सलमान की अदाकारी ही हैं जो उनके सपने को आगे बढ़ाने में सबसे बडा जरिया बनी। अरुण कुमार अपने दूसरे म्यूजिकल वेंचर 'कैसे मिलू मैं' नामक शीर्षक एक गाना लॉन्च किया हैं, जो अपने पसंदीदा स्टार के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर यह उनकी तरफ से समर्पित सुरीली भेट है।वैसे बॉलीवूड के सुपरस्टार सलमान खान के कई  प्रशंसक है, लेकिन केवल एक सच्चा प्रशंसक ही अपने आयडॉल से वास्तव में इस तरह प्रेरित होता है, क्या यह सराहनीय नहीं है?

अरुण कुमार निकम का जलगाँव में  एक मध्यम वर्गीय महाराष्ट्रीयन परिवार में जन्म हुआ। एक गायक-लेखक होने के लिए उन्हे काफी संघर्ष करना पडा। यह उस घटना की याद दिलाते हैं, जब सलमान खान पर आरोप लगाया गया था और लोगों ने दावा किया था कि वह एक अपराधी है , "तब मैं  12 वीं की परीक्षा मे फैल हो गया था क्योंकि मैं पढाई में  बिल्कुल भी ध्यान केंद्रित नहीं कर सका। लोग भाईजान के बारे में गलत गलत बातें कह रहे थे। ” अरुण निकम के परिवार के सदस्य उनसे कतई खुश नहीं थे जो वो कर रहे थे , क्योंकि उन्होंने उनकी  शिक्षा पर जो भी पैसा बचाया था, वह सब व्यर्थ हो रहा था। जब सब चीजें उनके लिए काम करना बंद हुई  तो वह  सूरत में सेटल होने और नए सिरे से काम शुरू करने के लिए मजबूर हो गये। “जब मैं पहली बार सूरत गया ,तब  मुझे कुछ  समझ नही आ रहा था की मुझे क्या करना चाहिए ? फिर किसी तरह मैंने सब्जियां बेचना शुरू कर दिया। "  २००१ से यह संघर्ष भरी कहानी शुरू हुई तब में महज १५ साल का था । यह भावनात्मक बात अरुण निकम ने साझा की ।  उन्होंने सलमान के पिता सलीम खान के साथ एक भेट को याद करते हुए कहा, "मैं सलीम सर से मिला और उनको  अपनी इच्छाएं भी बताई कि मैं एक कहानी लिख रहा हूँ  जिसमें भाई का मुख्य किरदार होगा।" जीससे भी उस दौरान अरुण कुमार मिले उन्होने कहा "आप लेखक बनने के लिये अभी बहुत छोटे हो। मैं भारत के नामचीन प्रोडक्शन हाउस में भी गया , लेकिन उन्होंने कहा यह मेरे लिए बहुत जल्दी होगा।" १५ साल के होने  नाते तब कुछ सहायक नहीं हुआ  ऐसा उनका मानना है।  हालांकि सलमान से मिलने के अपने सपने को नहीं छोड़ते हुए, उन्होंने सप्ताह के दिनों में सूरत में सब्जियां बेचते और हर सप्ताह के अंत में सारी कमाई अपनी किस्मत आजमाई खर्च करते रहे ।

१४ साल तक संघर्ष करते हुए  कभी यह नहीं जानते थे कि वह सलमान से मिलेंगे या नहीं, पर अरुण कुमार निकम का मानना था कि उनकी किस्मत चमक रही थी। उसी दौरान उन्हे  संगीत निर्देशक निखिल कामथ के साथ  काम करने का एक मौका मिला और  अरुण निकम का पहला संगीत प्रोजेक्ट शुरू हुआ। इस पहले प्रोजेक्ट का शीर्षक था 'वाह तेरी बेवफाई'। “इससे मुझे वह आत्मविश्वास हासिल हुआ जो मैं हमेशा से करना चाहता था जो है सलमान सर के लिए एक कहानी। फिर प्रेम रतन धन पायो ’के सेट पर, मेरा सपना पूरा हुआ। मैं अंत में अपनी आइडोल से मिला।"  उन्होंने यह भी कहा कि उन कठिन समय के दौरान जब उन्होंने सलमान से मिलने की कोशिश की तो उनके पास  पैसे समाप्त हो गए और ऐसी स्थिति हो गई कि वह अक्सर सड़क पर भिखारियों के साथ भोजन करते थे  उस दौरान के कुछ पलो को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैंने खुद से पूछा था कि मैं कैसे निकलूंगा। तब भीतर से एक आवाज उठी, 'कैसे मिलू  मैं ? ’कुछ इस तरह इस गाने का जन्म हुआ ।"

सिर्फ इसलिए नहीं कि वह भाई के बहुत बड़े प्रशंसक हैं बल्कि इसलिए अरुण कुमार निकम सलमान से दोबारा मिलना चाहते हैं।  क्योंकि वह एक अच्छे लेखक है और उनके लिए एक विशेष कहानी भी लिखी है। “मुझे सलमान भाई की सिर्फ एक दिन के समय की आवश्यकता है  यह मेरे पास आखिरी विकल्प है। अगर इसके बाद कुछ नहीं हुआ , तो जाहिर है मुझे फिर से सब्जियां बेचने के लिए वापस जाना होगा। मेरे परिवार ने बहुत समय पहले ही मुझे छोड़ दिया था, हालांकि उस एक एल्बम के लॉन्च के बाद से, हम फिर से बात करने लगे  क्योंकि वे जानते हैं कि मैं अब में स्थिर हूं, ”यह जानते हुए कि वह अपने जीवन में कुछ कर रहा हूँ। कठोर परिश्रम ने मेरे लिए यह संभव कर दिया है।", जुनूनी प्रशंसक अरुण कुमार निकम ने कहा।

मुंबई की आलीशान सहारा स्टार के सिनेथेक्यु में आयोजित कार्यक्रम में मुकेश ऋषि, सुदेश भोसले, पवन शंकर, संतोष शुक्ला, अभिनव गौतम और अर्शी खान के साथ अरुण कुमार निकम के अन्य टीम मेंबर जिन्होंने हर घडी उनका साथ दिया जिनमे अभिनेता विनोद सोनी, निर्माता दीपिका सोनी, ख्याति भट्ट, जय तिलेकर और जेठमल सोनी, वीडियो निर्देशक सागर सहाय, संगीत निर्देशक गौरव कुमार, दोस्त और समर्थक अशोक हदिया, मनोज राठौड़ और अजय सोनी, सुनील मेवावाला, मोहन दास, लेखक-निर्देशक अनुशा श्रीनिवासन अय्यर, सुरेश मिश्रा और अन्य भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। अनूप जलोटा द्वारा ‘कैसे मिलू मैं ..?’ प्रस्तुत किया गया।

सलमान खानच्या वाढदिवसानिमित्त सलमानला एका भाजी विक्रेत्या फॅनची 'कैसे मिलू मैं...?' नामक भेट !

आपण सर्वांनी बॉलिवूडमध्ये बर्‍याच प्रेरणादायी कथा ऐकल्या आहेत, परंतु ही एक अनोखी कहाणी आहे अद्यापपर्यंत न ऐकलेली. सुरतच्या रस्त्यावर भाजीपाला विक्रीपासून ते गायक बनण्यापर्यंतचा अरुण कुमार निकम यांचा हा एक प्रेरणादायक प्रवास आहे. अरुण कुमार निकम, सलमान खानचे खूप मोठे फॅन असून सलमान खानची अदाकारीचं त्यांच्या स्वप्नांना प्रोत्साहित करण्याचा मार्ग ठरली. सलमान खान यांच्या वाढदिवसाप्रीत्यर्थ अरुण कुमार यांनी त्यांचे 'कैसे मिलू मैं' नावाचे सॉंग समर्पित करत सलमानच्या वाढदिवसाच्या एक दिवस आधी सहारा स्टार मुंबई येथे मुकेश ऋषी, सुदेश भोसले,  पवन शंकर, संतोष शुक्ला, अभिनव गौतम आणि अर्शी खान यांच्या हस्ते ते लाँच करण्यात आले. प्रसंगी गौरव कुमार, अशोक हदिया, मनोज राठोड आणि अजय सोनी, सुनील मेवावाला, महोत्सव संचालक मोहन दास, लेखक-दिग्दर्शक अनुषा श्रीनिवासन अय्यर, सुरेश मिश्रा यांस मवेत इतर अनेक मित्र व समर्थक कार्यक्रमास उपस्थित होते. जलोटा प्रस्तुत, दीपिका सोनी, ख्याती भट्ट, जेठमल सोनी आणि जय टिळेकर निर्मित, अभिनेता विनोद सोनी अभिनित 'कैसे मिलू मैं...?' हे गाणं अरुण कुमार निकम यांनी गायले असून त्यांनीच ते लिहिले आहे. तर सागर सहाय यांनी ते व्हिडिओ दिग्दर्शित केलेले आहे.

अरुण कुमार निकम यांचा जन्म जळगावमधील मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन कुटुंबात झाला होता. गायक-लेखक होण्यासाठी त्यांना खूप संघर्ष करावा लागला. जेव्हा सलमान खानवर आरोप करून लोकांनी तो गुन्हेगार असल्याचा दावा केला होता त्या घटनेची आठवण करून देत अरुण कुमार सांगतात की, "त्यावेळी मी १२वी च्या परीक्षेत फेल झालो होतो कारण लोक भाईजानबद्दल चुकीच्या गोष्टी बोलत होते आणि त्यामुळे मी अभ्यासात लक्ष केंद्रित करू शकत नव्हतो." कुटुंबातील सदस्य त्यांच्यावर खुश नसल्यामुळे त्यांनी घर सोडले. शिक्षणासाठी जमवलेल्या जमाकुंजीतून ते स्वतःचे खर्च भागवत. जेव्हा सर्व पैसे संपले तेव्हा त्यांना सूरत येथे जाण्यास भाग पाडले गेले आणि तेथून त्यांनी नव्याने काम करण्यास सुरवात केली.

“जेव्हा मी पहिल्यांदा सुरतला गेलो तेव्हा मला काय करावे ते सुचेना. असं असलं तरी मी भाज्या विकायला सुरुवात केली." २००१ मध्ये १५ वर्षांचे असताना अरुण कुमार यांचा हा संघर्ष सुरु झाला. सलमान खानचे वडील सलीम खान यांच्याशी झालेल्या भेटी दरम्यान अरुण कुमार यांनी सलीम खान "मी एक कथा लिहित आहे ज्यात ज्यात सलमान भाई मुख्य भूमिकेत साकारतील." या त्यांच्या इच्छेबद्दल सांगितले. या दरम्यान अरुण कुमार जितक्या जणांना भेटले त्या सर्वांनी त्यांना ते लेखक बनण्यासाठी खूप लहान असल्याचे सांगितले. मी भारतातील प्रसिद्ध प्रॉडक्शन हाऊसमध्येही गेलो होतो, परंतु ते माझ्यासाठी खूप लवकर होईल असे ते म्हणाले.मी 15 वर्षांचा असल्याने त्या काळात काहीही मदत झाली नाही." तथापि, सलमानला भेटण्याचे स्वप्न न सोडता, ते सूरतमध्ये भाजी विकून आठवड्याच्या शेवटी नशीब आजमावण्याचा प्रयत्न करीत असत.

१४ वर्ष ते संघर्ष करीत राहिले. ते सलमान ला भेटू शकतील की नाही हे त्यांना माहित नव्हते परंतु त्यांच्यामते त्यांचे नशीब चमकत होते. त्याच वेळी संगीत दिग्दर्शक निखिल कामथ यांच्याकडे संधी मिळाल्यानंतर अरुण निकम यांच्या पहिल्या संगीत प्रकल्पाचे काम सुरु झाले. या संगीत प्रकल्पाचे नाव होते 'वाह तेरी बेवफाई'. याबद्दल सांगताना ते म्हणतात की, "यामुळे मला मी जे मी नेहमी करू इच्छित होतो ते करण्याचा आत्मविश्वास मिळाला. मग प्रेम रतन धन पायो च्या सेटवर माझे स्वप्न पूर्ण झाले. शेवटी मी माझ्या प्रेरणेला (सलमान खान) यांना भेटलो.

सलमान खान यांना भेटण्याच्या प्रयत्नांदरम्यान अनेकदा त्यांच्याकडील पैसे संपले असून अशीही परिस्थिती आली की रस्त्यावर भिकाऱ्यांसमवेत बसून त्यांना जेवण करावे लागले त्याकाळचे काही क्षण आठवत ते सांगतात की, , “मी स्वत: ला विचारले की, मी यासर्वांतून कसे बाहेर पडावे. मग आतून एक आवाज आला, 'कैसे मिलू मैं?' आणि अशा प्रकारे हे गाणे जन्माला आले."

केवळ सलमान खानचे मोठे चाहते आहेत म्हणूनच नव्हे तर अरुण कुमार निकम यांना पुन्हा सलमानला भेटावयाचे आहे. कारण ते एक चांगला लेखक असून त्यांनी सलमानसाठी एक खास कथाही लिहिली आहे. "मला सलमान भाईचा फक्त एक दिवस हवा आहे. हा माझा शेवटचा प्रयत्न आहे. यानंतर काही झाले नाही तर मला पुन्हा भाज्या विकायला जावे लागेल. कुटुंब सोडून मला बराच कल लोटला आहे, तरी तो एक अल्बम लाँच झाल्यापासून आम्ही पुन्हा बोलू लागलो कारण त्यांना माहित आहे की मी आता स्थिर आहे, त्यांना हे माहित आहे की तो आपल्या आयुष्यात काहीतरी करत असेल. माझ्या कठोर परिश्रमांमुळे मला हे शक्य झाले आहे." असे अरुणकुमार निकम सांगतात.


https://youtu.be/yTq47jqK9Sg

Friday, December 27, 2019

सीवूड्स ग्रँड सेंट्रल मॉलमध्ये लहान मुलांसाठी कार्यशाळेचे आयोजन.

सीवूड्स ग्रँड सेंट्रल मॉलमध्ये तुम्ही खरेदीचा आनंद घेत असताना मुलांना त्यांच्या सर्जनशीलता व्यक्त करण्याची संधी मिळणार आहे. मुलांना शिक्षणातून मनोरंजन देण्याच्या हेतूने मॉलतर्फे सुट्टीचे निमित्त साधून विविध कार्यशाळांचे आयोजन करण्यात आले आहे.

आपल्या लहान पाहुण्यांसाठी हिवाळ्याचा हा काळ मजेदार व्हावा या हेतूने एसजीसी मॉलने २८ डिसेंबर रोजी पेन स्टँड मेकिंग कार्यशाळा आयोजित केली असून त्यानंतर २९ डिसेंबर रोजी दुपारी १ ते संध्याकाळी ६ च्या दरम्यान की चेन होल्डर मेकिंग कार्यशाळा होणार आहे.

शनिवारच्या पेन स्टँड मेकिंग कार्यशाळेत मुलांना आपली कल्पकता वापरत त्यांच्या स्टडी टेबलसाठी आकर्षक व रंगीबेरंगी पेन स्टँड तयार करायला शिकवला जाणार आहे, तर रविवारच्या की चेन होल्डर मेकिंग कार्यशाळेत त्यांना कलाकुसरीचा अनोखा अनुभव दिला जाणार आहे.

तुमच्या मुलांना हसत- खेळत शिकण्याच्या नव्या माध्यमाची ओळख करून देण्यासाठी सीवूड्स ग्रँड सेंट्रल मॉलला भेट द्या.

कार्यशाळेचे वेळापत्रक


तारीख
दिवस
कार्यशाळा
वेळ
1
28-डिसेंबर-19
शनीवार
पेन स्टँड मेकिंग कार्यशाळा
दुपारी १ ते संध्याकाळी ६
2
29-डिसेंबर-19
Sunday
की चेन होल्डर मेकिंग कार्यशाळा



RANGBAAZ PHIR SE TRAILER LAUNCH.

PRESS RELEASE - GO VIGO FESTIVAL.




VIGO VIDEO WELCOMES 2020 WITH 'GO VIGO FESTIVAL'
~Celebrates the creative community of Vigo Video~

December 26, 2019; Vigo Video, India's fastest growing short-video platform, is all set to welcome the New Year with the 'Go Vigo Festival'. The annual festival will be celebrated with over 300 Vigo creators with fervor and zeal at Rang Manch Hall, Kolkata on Jan 4, 2020. 


The grand festival, in its second year, will showcase the outstanding talent and feature an array of exciting awards and prizes including ‌Vigo‌ ‌Beauty‌ ‌Queen‌, Vigo 2019 Top 10 Creators, Vigo Popular Talent of the year amongst others. The awards will be given to creators who regaled the audiences through the year with talented performances and innovative content on the Vigo Video app. In addition to the above participants also stand a chance to win an international holiday through a lucky draw!


The 4-hour event, beginning 4 pm will also witness enthralling performances by Vigo Video’s leading creators and performers who have been entertaining users with their appealing and interactive content.


Speaking on Go Vigo Festival, Head of Marketing Ashray Sachdeva said, "Vigo empowers creators to share the most entertaining and heartfelt stories from their daily lives as well as connecting with like-minded communities. ‘Go Vigo Festival' is an initiative where we celebrate our past year's milestones with an endeavor to recognize and reward talent and further strengthen the Vigo community. We are excited about hosting the Festival this year in Kolkata and look forward to interacting with our robust community."


With over 20 million monthly active users, Vigo Video entrusts users to share 'real' stories from their daily lives as well as connect with a like-minded community of similar people.


Vigo Video is an engaging platform for the next generation of storytellers and connects with like-minded users sharing similar interests. Within a short span of time, the brand has transformed into
a community building and relationship moulding platform, and created a strong and unique identity amongst users.
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About
VIGO VIDEO
Vigo Video is India's fastest-growing short-video platform, connecting real people with real stories from their community. Vigo Video brings Indians together through entertaining and heartfelt visual stories, brought to life through professional editing tools, creative stickers, awesome filters and special effects. With its India headquarters based in Mumbai, Vigo Video is available on iOS and Google Play



Press Release - ICICI Academy for Skills trains over 3,500 women in Lucknow.




ICICI Academy for Skills trains ovICICI Academy for Skills (ICICI Academy) is an institute set up by the ICICI Foundation for Inclusive Growth (ICICI Foundation) to provide free vocational training to the youth from economically weaker sections to help them earn a sustainable livelihood.

ICICI Academy centre at Lucknow imparts free skill training to less privileged women. This centre offers a course on ‘Office Administration’ which is of three months’ duration. Female candidates who have completed education of at least 10th standard and are between 18-30 years of age can apply for this course.

Established on May 12, 2015, this centre in Lucknow has trained over 3,500 women till date. It has tied up with Tally Solutions as its knowledge partner to help set up course content for providing training to the candidates. It has also tied up with industry partners to provide employment opportunities to the female students after successful completion of their training. Renowned industry partners like Aditya Birla Capital, Axis Bank, Bajaj Finserv, Bajaj Capital, Bandhan Bank, Reliance Trendz, Shoppers Stop, Spencers, Swiggy and Utkarsh Small Finance Bank among others have recruited trainees from the academy at Lucknow. At present, there are 201 students undergoing training at the centre.

Speaking about ICICI Academy, Mr. Saurabh Singh, President - ICICI Foundation for Inclusive Growth said, “We set up ICICI Academy for Skills in Lucknow in 2015 with a view to provide vocational training to the less privileged women so that they could earn a sustainable livelihood. The centre at Lucknow has provided free-of-cost training to over 3,500 female candidates so far. A significant achievement of this programme is that 100% of these young women who opted for job placement found suitable employment with various organisations.”

Since its inception in October 2013, ICICI Academy has set up 25 centres across the country and has trained over 1.27 lakh people of which over 48,700 are women. It aims to provide relevant and practical training to the underprivileged youth in 12 disciplines, namely: Selling Skills, Office Administration, Electrical & Home Appliance Repair, Refrigeration & Air Conditioning Repair, Central Air Conditioning, Pumps & Motor Repair, Paint Application Techniques, Tractor Mechanic, Two & Three Wheeler Service Technician, Retail Sales, Assistant Beauty Therapist and Home Health Aide. All the students are also trained in specific life skills such as etiquette & grooming, communication, basics about computer and financial literacy which helps them adapt to an organised work environment. In addition to training, ICICI Academy provides uniforms, meal and all relevant course material to the trainees.

ICICI Academy reaches out to target segments through multiple channels depending on relevance in a particular geography. This includes conducting awareness programs in communities, arranging youth counselling sessions in various parts of the state, taking the help of the state government to mobilise candidates, taking help from NGOs, evaluating referrals and walk-in candidates as well as references from employers.er 3,500 women in Lucknow

BISLERI INTRODUCES BOTTLES FOR CHANGE INITIATIVE TO THE CHURCHES ACROSS THE CITY OF MUMBAI.



Bottles for Change an initiative by Bisleri is all set to spread awareness among the citizens of Mumbai to create a habitual change this Christmas and New Year.

The program introduces the initiative to the churches across the city, kick-starting the activity with Mount Mary Church by installing plastic collection bins and placing plastic recycled benches. They have also approached and installed bins at Our Lady of Health of Velankanni Church, St. Michel Church and St. Francis Xavier's Church in Mumbai.  

Please find attached herewith the press release for your perusal. 

Please do let us know if you would like to feature the same or interact with the members involved in the initiative. 

ONTRIBUTING TOWARDS A CLEANER ENVIRONMENT

BISLERI INTRODUCES BOTTLES FOR CHANGE INITIATIVE TO THE CHURCHES ACROSS THE CITY OF MUMBAI

·         Kick-Starts The Bottles For Change Bin Placement Activity With Mount Mary Church, Bandra
·         Installs Plastic Collection Bins And Recycled Bench At Mount Mary Church, Mumbai


December, 2019, Mumbai: Kick-starting the festive spirit on a positive note, Bottles For Change, a plastic recycling initiative by Bisleri creates further awareness among citizens to create a habitual change. Aiming to spread awareness and educating citizens about the importance of recycling plastic, the idea behind the initiative is to "Be The Change You Want To See" and to lead by example by disposing and recycling plastic responsibly.

Keeping this in mind, Bottles for Change program introduces the initiative to the churches across the city, kick-starting the activity with Mount Mary Church by installing plastic collection bins and placing plastic recycled benches. The initiative has also approached and installed bins at Our Lady of Health of Velankanni Church, St. Michel Church and St. Francis Xavier's Church in Mumbai.

Launched a year ago, Bottles for Change has been encouraging people to recycle plastic. The initiative has placed benches made from recycled plastic at Churchgate Railway Station, Santacruz Railway Colony and will be soon placing recycled benches at multiple churches in the city. These recycled benches is a gesture by the initiative to contribute to the society for their involvement in Bottles for Change.

Having received tremendous response from the citizens of Mumbai, the people involved in the program are becoming responsive about the correct ways of using and disposing plastic through the awareness sessions. Stakeholders are offered doorstep service for the used plastic collections from their house, offices. People are gradually understanding the value of plastic by not treating it as a waste. Additionally, the program is helping to create circular economy and value to the used plastic. This is resulting in more income generation for the rag pickers which is helping in improving their livelihood. 

Inculcating this habit is easy, it's green, and it's a simple way to create a healthier environment today and for the future generations.

Bottles for Change has also introduced a Mobile App for the citizens of Mumbai which aims to bring the citizens and the Plastic Collecting Agents (Kabadiwallahs/NGOs) under one roof. The app provides a hassle-free option to the citizens to search and approach a nearby plastic agent to handover the clean plastic. The plastic agents will in turn sell the used clean plastic to the recyclers who will make recycled products from the same.

'इलू इलू' म्हणत एलीची मराठी चित्रपटात एंट्री

  'इलू इलू' म्हणत एलीची मराठी चित्रपटात एंट्री एकीकडे मराठी चित्रपट देशविदेशातील चित्रपट महोत्सवांमध्ये बाजी मारत आहेत, तर दुसरीकडे ...